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Top 10 place to visit in - Alwar l Bala Quilla l Siliserh Lake l Bhangarh Fort l Sariska Reserve ll

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Top 10 place to visit in Alwar
Top place in Alwar for visit
अलवर मे घूमने की खास 10 जगह
Famous place in Alwar
Visiting Place in Alwar
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बाला किला अलवर जिले में अवस्थित प्राचीन दुर्ग हैं। इस दुर्ग को कुंवारा दुर्ग ,अलवर दुर्ग भी बोला जाता है।यह दुर्ग अरावली की पहाड़ियों पर लगभग 300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।, जो कि 5 किलोमीटर की दूरी तक फैली हुई है। किले में 6 प्रवेश द्वार हैं और पोल के नाम से जाना जाता है। किले के 6 द्वार चांद पोल, सूरज पोल(महाराजा सूरजमल ने बनवाया), कृष्ण पोल, लक्ष्मण पोल, अंधेरी गेट और जय पोल हैं। इन दरवाजो में से प्रत्येक का नाम कुछ शासकों के नाम पर रखा गया है।
सिलीसेढ़ झील भारत के राजस्थान राज्य के अलवर ज़िले में स्थित एक झील है। यहां पर सन् १८४५ ईस्वी में अलवर के [1] महाराजा विनयसिंह ने अपनी पत्नी हेतु एक शाही महल तथा लॉज बनाया था ,जो वर्तमान में लेक पैलेस होटल के नाम से चल रहा है और यह होटल अब राजस्थान पर्यटन विभाग द्वारा संचालित की जा रही है।
भानगढ़ दुर्ग भारत के राजस्थान में स्थित १७वीं शताब्दी में निर्मित एक दुर्ग है।[1] इसे मान सिंह प्रथम ने अपने छोटे भाई माधो सिंह प्रथम के लिए बनवाया था। इस दुर्ग का नाम भान सिंह के नाम पर है जो माधो सिंह के पितामह थे।

भानगढ़ दुर्ग
स्थान अलवर जिला, राजस्थान

निकटतम शहर अलवर, राजस्थान,

क्षेत्रफल 866 किमी ²

स्थापना वर्ष: 1955

'सरिस्का' बाघ अभयारण्य भारत में सब से प्रसिद्ध राष्ट्रीय उद्यानों में से एक है। यह राजस्थान के राज्य के अलवर जिले में स्थित है। इस क्षेत्र का शिकार पूर्व अलवर राज्य की शोभा थी और यह 1955 में इसे वन्यजीव आरक्षित भूमि घोषित किया गया था। 1978 में बाघ परियोजना योजना रिजर्व का दर्जा दिया गया। पार्क वर्तमान क्षेत्र 866 वर्ग किमी में फैला है। पार्क जयपुर से 107 किमी और दिल्ली से 200 किमी दूरी पर् है। सरिस्का बाघ अभयारण्य में बाघ, चित्ता, तेंदुआ, जंगली बिल्ली, कैरकल, धारीदार बिज्जू, सियार स्वर्ण, चीतल, साभर, नीलगाय, चिंकारा, चार सींग शामिल 'मृग' chousingha, जंगली सुअर, खरगोश, लंगूर और पक्षी प्रजातियों और सरीसृप के बहुत सारे वन्य जीव मिलते है। यहा से बाघों की आबादी 2005 में गायब हो गयी थी लेकिन बाघ पुनर्वास कार्यक्रम 2008 में शुरू करने के बाद् अब यहा पाच बाघ हो गये थे। जुलाई २०१४ में बाघों की संख्या ११ हो गयी है जिसमे ९ वयस्क और २ शावक हैं।[1]

जंगलों में प्रभावी वृक्ष ढोक (Anogeissus pendula) है। अन्य पेड़ों जैसे हैं सालार (Boswellia serrata), kadaya (Sterculia urens), धाक (Butea monosperma), गोल (Lannea coromandelica), बेर (Ziziphus mauritiana) और खैर (Acacia catechu). बरगड (Ficus benghalensis), अर्जुन (Terminalia arjuna), गुग्गुल (Commiphora wightii) या बाँस भी कुछ स्थानों पर किया जा सकता है। Shubs रूप में कई हैं, जैसे कैर (Capparis decidua), अडुस्टा (Adhatoda vesica) और झर बेर (Ziziphus nummularia).

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