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RSTV Vishesh – 20 December 2019 : Protests, Violence and Law | प्रदर्शन, हिंसा और कानून

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इतनी बड़ी आबादी वाला देश भारत, एक एसा देश है जहां कहते हैं कि हर मील पर बोली बदल जाती है वेश भूषा बदल जाती है। यहां तक की पूरा का पूरा रहन सहन भी बदल जाता है। एक ऐसा देश जहां हर धर्म समुदाय के लोगों को बराबरी का हक़ मिला हुआ है। भारत के लोकतंत्र का सबसे पवित्र ग्रंथ संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है और भारत की संसद में लगातार नए क़ानून बनाए जा रहे हैं और संशोधन भी किए जा रहे हैं। जिसके पीछे बहुत वाद-विवाद, चर्चा, और मंथन किया जाता है। इतने डाइवर्स कल्चर में मतभेद औऱ असहमति होना बहुत स्वाभाविक है। हमारे संविधान में इसके लिए भी बकायदा प्रावधान है। मौलिक अधिकारों के तहत हमको अभिव्यक्ति की आज़ादी के साथ विरोध प्रदर्शन का भी अधिकार है पर प्रदर्शन करने के भी नीयम हैं संविधान के नीयमों और देश की एकता अखंडता को ताक पर रख कर हिंसात्मक विरोध और प्रदर्शन नहीं किया जा सकता पर ये बात कितनी दुर्भाग्यपूर्वण है की अब जो विरोध प्रदर्शन हमारे सामने हो रहे हैं। वो एक अच्छे समाज का आईना तो नहीं लगते ये प्रदर्शन संवैधानिक दायरे में नहीं आते बल्कि ये अपराध की श्रेणी में आते हैं। जिसमें आगज़नी से लेकर दंगे, लूटपाट, पथराव और सार्वजनिक संपत्ती को नुकसान पहुंचाया जाता है। कहते हैं भीड़ का कोई धर्म ईमान नहीं होता पर अगर हम राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आदर्शों को अपनाए तो हम अपने संविधानिक मूल्यों की रक्षा और उनका सम्मान करते हुए भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर सकते हैं। आज विशेष के इस अंक में हम बात करेंगे धरना प्रदर्शन के संवैधानिक अधिकार की, जानेंगे धारा 144 और कर्फ्यू में अंतर को, साथ ही साथ समझने की कोशिश करेंगे सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान पर भारतीय दंड संहिता क्या कहती है...

Anchor – Vaibhav Raj Shukla
Producer - Rajeev Kumar, Ritu Kumar, Amrita Chourasia
Production – Akash Popli
Reporter - Bharat Singh Diwakar
Graphics - Nirdesh, Girish, Mayank
Video Editor - Vaseem Khan, Ravi Shukla, Rama Shankar

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